11 वे तीर्थंकर श्री श्रेयांसनाथ जी का मोक्ष कल्याणक और रक्षाबंधन 11 को है या 12 को, कैसे करें समाधान अपने आप

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10 अगस्त 2022/ श्रावण शुक्ल त्रियोदिशि /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/

हमें फलाना पंडित या फलाना विद्वान ने कह दिया कि इस तारीख को यह त्यौहार या पर्व मनाना है , बस हम मान लेते हैं । पर क्यों मनाते हैं उस तारीख को। कभी इस बारे में जानने की कोशिश की है। आज चैनल महालक्ष्मी आपको स्वयं पहचान के लिए समाधान बता रहा है ,तिथि की पहचान। उस दिन सूर्योदय से 6 घड़ी तक रहने वाली तिथि के अनुसार जैन कैलेंडर में तिथि की गणना की जाती है ।

जैसे 11 अगस्त को सूर्योदय 5:52 पर होगा और उसके 6 घड़ी तक, अगर वह तिथि रहती है , तो उस दिन वही दिन माना जाता है।

6 घड़ी यानी 24 मिनट की एक घड़ी और 1 दिन में 60 घड़ी होती हैं , 6 घड़ी का मतलब 2 घंटे 24 मिनट। और उस दिन चतुर्दशी 10:38 तक है यानी सूर्योदय 5:52 , उसमें 2 घंटे 24 मिनट जोड़ें, तो घड़ी बताती है 8:16 पर कौन सी तिथि है। 11 अगस्त को इसलिए चतुर्दशी मानी गई है ।

अब सवाल उठता है कि फिर रक्षा सूत्र की पूर्णिमा या 11 वे तीर्थंकर श्रेयांसनाथ जी के मोक्ष कल्याणक के लिए भी इसी तिथि को क्यों चुना गया है, 12 को पूर्णिमा क्यों नहीं है। अब अगर ऊपर की विधि से ही हिसाब करें अपने आप।

12 अगस्त को भी सूर्योदय 5:52 पर यानी उसमें 2 घंटे 24 मिनट जोड़ते हैं, तो समय बताता है 8:16 पर, क्या तिथि पड़ती है अब यह जान लीजिए कि पूर्णिमा 7:05 तक ही है और 8:16 पर एकम हो गई, इसलिए पूर्णिमा को 12 अगस्त को नहीं माना है ।

यही कारण है कि विद्वान या पंडित लोग , हमें रक्षाबंधन या तीर्थंकर श्रेयांसनाथ जी का मोक्ष कल्याणक 11 को मनाने के लिए कहते हैं, यानी आप लोग 11 को रक्षा सूत्र बांधे क्योंकि 12 को 7:05 पर आते ही पूर्णिमा खत्म हो रही है। समझ गए आप , कितना है आसान। बस सूर्य उदय के अंदर 2 घंटे 24 मिनट जोड़ दीजिए और अगर उस समय तक वही तिथि चल रही है तो वही दिन माना जाएगा अगर तिथि पलट गई है उससे पहले , तो वह तिथि आगे वाली होगी ।

हमेशा सरलता से इस ज्योतिष गणित को जानिए और किसी दूसरे के नहीं, अपने हिसाब से गुणा करिए जिससे आपको कारण उसका मिल सके। इस तरीके से पंचांग को देखकर, आप तिथि का घटना और बढ़ना आसानी से जान सकते हैं।