भगवान महावीर स्वामी के 2550वें निर्वाणोत्सव के उपलक्ष्य में 18 दिसंबर 2022 : लालकिला प्रांगण से होगा तीर्थों की सुरक्षा का जयघोष एवं वृहद् महार्चना

0
964

8 अगस्त 2022/ श्रावण शुक्ल एकादशी /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/प्रवीन कुमार जैन
गुड़गांव। राष्ट्रसंत मुनि श्री विहर्ष सागरजी महाराज के दीक्षा का रजत महोत्सव एवं भगवान महावीर स्वामी के 2250वें निर्वाणोत्सव के उपलक्ष्य में पूरे वर्ष आयोजन मनाने के बिगुल का जयघोष 18 दिसंबर 2022 को लालकिला प्रांगण से किया जाएगा।

इस बृहद आयोजन के चिंतन के लिए मुनिश्री विहर्ष सागरजी ससंघ के सान्निध्य में दिल्ली-एनसीआर के प्रमुख गणमान्य समाजसेवी, मंदिर कमेटियों के पदाधिकारी, विद्वत वर्ग की एक महत्वपूर्ण चिंतन बैठक श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर बारादरी, गुड़गांव में रविवार 07 अगस्त को सम्पन्न हुई जिसमें सभी लोगों ने एकमत होकर इस बृहद आयोजन में जैन एकता की मिसाल पेश करने का आह्वान किया। कार्यक्रम का उद्देश्य जिनधर्म की प्रभावना, भगवान महावीर स्वामी के 5 सिद्धांतों का जन-जन में प्रसार हो तथा जिन धर्म और तीर्थों के संरक्षण की बात प्रशासन तक पहुंचा सकें। कार्यक्रम में दिल्ली समाज के अध्यक्ष चक्रेश जैन, प्रमोद जैन (लेजर वाले), राजेश जैन (श्री आदिनाथ चैनल), डॉ. मणीन्द्र जैन, शास्त्री परिषद के अध्यक्ष डॉ. श्रेयांस जैन, शरद जैन (चैनल महालक्ष्मी), प्रद्युम्न जैन (धारूहेड़ा), रवि गुरुजी, अतुल जैन-मुकेश जैन बड़ौत, प्रमोद जैन मेरठ समेत कई मंदिर कमेटियों के पदाधिकारियों ने भाग लिया और अपने विचार व्यक्त किये।

प्रारंभिक मांगलिक क्रियायें – चित्र अनवारण, दीप प्रज्ज्वलन एवं शास्त्र भेंट उपस्थित गणमान्य लोगों ने किया। ब्र. रीना दीदी ने सभा का शुभारंभ भ. महावीर और गुरु वंदना से किया। ऐलक श्री विनियोग सागर ने गुरुवंदना में कहा – दया करो दयालु गुरुवर, न बल न शक्ति न भक्ति, सम्हालो बिगड़ी दशा हमारी। जो तुम हो स्वामी, तो हम हैं सेवक, जो हम हो भगवान, तो हम हैं पुजारी।

मुनि श्री विहर्ष सागरजी ने कहा कि जो विरासत हमें तीर्थंकरों से मिली है, वो सोच कर गये कि हमारे बच्चे श्रेष्ठ हैं, गुरु ने, प्रभु ने श्रेष्ठ माना, हमें श्रेष्ठ बनने को कहा और हम ज्येष्ठ बनने लगे। जब हवा तेज चल रही हो दीपक जलाना हो तो दोनों हाथ की सपोर्ट से वह जलता रहता है, आज हमें यही करना है। हमें गर्व है कि हमारे देश का नाम भारत, भरत चक्रवर्ती के नाम पर पड़ा। हमारा जैन शब्द ब्रांड मेड है। पूरे वर्ल्ड में जैन फूड विख्यात है। साइंटिस्टों के म्यूजियम में भगवान महावीर का भी फोटो लगा है जिसके नीचे लिखा है बिग साइंटिस्ट महावीर। वैज्ञानिक आज जैन ग्रंथों को पढ़कर खोज करते हैं।

मुनि श्री ने कहा समाज का अर्थ है समझदार लोगों की कतार। आज समाज समाप्त होती जा रही है, क्योंकि साधुओं के नाम पर मंडल बन रहे हैं, और वो मंडल केवल अपने महाराज से जुड़ते हैं और समाज से कटते हैं। मैं कहता हूं, मंडलों को कमंडल में जोड़ दो और समाज साधु का कमंडल पकड़कर, पिच्छी के पीछे चलती है तो सबका कल्याण हो जाता है। तीर्थों का संरक्षण हमें करना है, हम अपनी ही गल्तियों से तीर्थों की पवित्रता को खंडित कर रहे हैं। 2550वां निर्वाण महोत्सव मना कर जन-जन का कल्याण करना है। आज विद्यानंद जी नहीं है, लेकिन उनकी भावना मेरे में तो है, मैं आवाज उठाऊंगा। हम सभी लोग लालकिले प्रांगण में इकट्ठा होकर भगवान महावीर के गुणों का गान करेंगे, देश की अखंडता के लिये। जब धर्म की बात हो तो हमें एक हो जाना चाहिए। हमें एकसाथ होकर तीर्थों का संरक्षण करना है, तभी हम सुरक्षित हो पाएंगे।

डॉ. श्रेयांस जैन बड़ौत : भगवान महावीर स्वामी का 2500वां निर्वाणोत्सव सम्पूर्ण जैन समाज और भारत सरकार ने बड़ी प्रभावना के साथ मनाया था। तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उस समय बहुत सहयोग दिया। भगवान महावीर मेडिकल कॉलेज उसी का निमित्त था। आचार्य विद्यानंद, देशभूषण जी महाराज, धर्म सागरजी महाराज लालकिला मैदान पर एकत्रित हुए थे। जन-मंगल कलश संपूर्ण भारत में भ्रमण कराया, बहुत बड़ी-बड़ी उपलब्धि हुई। लाल बहादुर शास्त्री, बनारस विविद्यालय, मद्रास, पूना अनेक जगह विश्व विद्यालयों में जैन दर्शन के विभाग खुले। हम भगवान महावीर की संतान है – हम एक हैं, हम न श्वेतांबर, न दिगंबर हैं, हम जैन हैं। हमने बहुत खोया है, इसका कारण हमारा बिखराव ही रहा। लालकिले से जब भी कोई कार्यक्रम हुआ, तो सफलता पाई है। अहिंसा-अपरिग्रह से ही राष्ट्र चलेगा। भगवान महावीर जन-जन के हैं, उनकी दृष्टि में न संतवाद, न पंथवाद है। हम भगवान महावीर के मार्ग को पकड़कर उनके आदर्शों को ग्रहण कर आगे चल रहे हैं।

18 दिसंबर 2022 को लालकिले मैदान पर विशाल जिनअर्चना के साथ, प्रभु की विनय करते हुए मुनि श्री का 25वां दीक्षा दिवस और भगवान महावीर का 2550वां निर्वाणोत्सव पूरे वर्ष मनाएंगे। समाज के गणमान्य, विद्वत समुदाय, संरक्षकगण सब मिलकर कार्य करेंगे, तो विश्व में जैन धर्म का, भगवान महावीर का जयघोष होगा।

चक्रेश जैन : हम देव-शास्त्र-गुरु के उपासक हैं। देव हमने देखे नहीं, शास्त्र पढ़ते नहीं, गुरु हैं – जिनके दिखाये माग पर चलेंगे, तो काम बन जाएगा। गुरुओं के आशीर्वाद को फल्सव्रूप परिवर्तित करना हमारा कर्तव्य है। दिल्ली-एनसीआर का हर भक्त समर्पित है, जिनधर्म की प्रभावना के लिये। आज हम प्रण लें कि हम आपस में झगड़ा नहीं करेंगे, जैन एकता का प्रदर्शन कर दिखाएंगे। हमारा एक रुपया, बाजार में सवा रुपये में चलता है। हम मांगने वालों में से नहीं, देने वालों में से हैं। हम 2+2, 4+4, 8+8 के फार्मूले के साथ आगे चलें। हम एवररेडी हैं, जो भी कार्य होगा करेंगे और सभी से करावएंगे भी।

डॉ. मणीन्द्र जैन : जयजिनेन्द्र जय महावीर के नारे का आह्वान करते हुए कहा कि जैन एकता का हमारा हरदम प्रयास होना चाहिए।

प्रमोद जैन (वर्धमान ग्रुप) : हम जन्म से जैन हैं, कर्मों से भी जैन बनना है। तप-त्याग की रजत जयंती का अवसर है और भगवान महावीर के 2550वें निर्वाणोत्सव का अवसर – सोने पे सुहागा। दिगंबर-श्वेतांबर समाज मिलकर मनाएगा, उसकी गूंज 18 दिसंबर को लालकिला के प्रागंण से होगी।

शरद जैन (चैनल महालक्ष्मी) : हमें जन-जन को बुलाना है। इसमें उद्योगपतियों, डाक्टर, जजों को बुलाना चाहिए। उद्योगपतियों से आह्वान करें कि हम सरकार से मांगने की बजाय उसे एक बड़ी राशि सरकार को मानव कल्याण के लिये दें। सरकार को पता चलना चाहिए कि जैन समाज सिर्फ देता ही है, यह हमें दिखाना होगा।

प्रद्युम्न जैन (धारुहेड़ा) : गुरुओं का आदेश स्वर्ण अक्षरों में लिखा गया, कभी मिट नहीं सकता। इस कार्यक्रम में धर्माधिकारी डॉ. वीरेन्द्र हेगड़े, अल्पसंख्यक आयोग में जैन सदस्य श्री धनराज जी एवं शिक्षा आयोग के चेयरमैन श्री एन.के. जैन ने महाराजश्री के इस कार्यक्रम में आने की स्वीकृति प्रदान की है। ये तीनों विभूतियां सम्यकदर्शन, सम्यकज्ञान, सम्यकचारित्र की तरह हैं। भगवान महावीर निर्वाणोत्सव पर पूरे भारत में हर जैन घर पर जैन ध्वजा फहराई जानी चाहिए।

अतुल जैन बड़ौत : कार्यक्रम की सफलता के लिये जरूरी है कि दिल्ली-एनसीआर के सभी जैन समाजों के अध्यक्ष-महामंत्री की बैठक कर यह स्पष्ट करना चाहिए कि 18 दिसंबर को सभी एकता की मिसाल पेश करते हुए कहीं और इस दिन कोई कार्यक्रम नहीं रखेंगे। हर मंदिर मीटिंग करे, इससे पूरी दिल्ली-एनसीआर का समाज लालकिले पर एकत्रित होगा। बड़ौत समाज पूरी समर्पित है, जहां भ. महावीर की, जैन धर्म की बात होगी, बड़ौत समाज खड़ा मिलेगा।

सभा के अंत में बारादरी मंदिरजी के अध्यक्ष श्री नरेश जैन ने कड़े शब्दों में कहा कि हमें अपने को भूलकर, एक ही लक्ष्य की ओर ध्यान देना होगा। तभी एक इतिहास बनेगा, हमारी आवाज सही जगह पहुंचेगी, कोई नेता आये न आये, हमें वहां पहुंचना है।

मुनिश्री ने इस कार्यक्रम का मार्गदर्शक डॉ. श्रेयांस जैन, अध्यक्षता चक्रेश जैन, कार्यकारी अध्यक्ष श्री प्रमोद जैन मॉडल टाउन, संयोजक, मुख्य सलाहाकार आदि पदों की घोषणा की और कहा कि शीघ्र ही अगली बैठक में पूरी टीम का गठन कर कार्य प्रारम्भ किया जाएगा।