7 अगस्त 2022/ श्रावण शुक्ल दशमी /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी
हां, वह 2 अगस्त की काली रात थी, जब भीषण गर्जना के साथ बरसात हो रही थी। यानी केवल मोक्ष सप्तमी से 2 दिन पहले याद दिला रही थी, मानो जैसे कमठ ने कभी उपसर्ग किया होगा ।तो जरूर इसी तरह बरसी होगी और साथ में उस मूसलाधार के साथ पत्थर भी बरसे। चट्टानें भी खिसकी और यह सब हुआ श्रवणबेलगोला में। विश्वास नहीं होता उस 2 अगस्त की काली रात को क्या क्या हुआ।
श्री विंध्य गिरी की वादेगल बसदी के तीन द्वारों के निकट की, किले की पूर्वी व पश्चिमी दीवार के गिरने से धड़ाधड़ पत्थर बरसने लगे । 3 अगस्त को श्रवणबेलगोला दिगंबर जैन मठ संस्थानों की मैनेजिंग कमेटी ट्रस्ट के कार्यकारी अध्यक्ष ने एक सूचना जारी कर बताया कि एक द्वार पर पत्थर बरसते बरसने के कारण , वही सीढ़ियों की दूसरी आर्क के पास की चट्टान खिसक गई और नीचे आ गिरी। सीढ़ियों की कई जगह रेलिंग टूट गई और सीढ़ियों पर बड़े-बड़े पत्थर जैसे आकर ठहर गए। इस कारण धार्मिक परिसर में स्थाई रूप से प्रवेश को रोक दिया गया । इंदर गिरी के ऊपर कोई क्षति नहीं हुई यह प्रकृति की कृपा रही।
सभी सुरक्षित रहा ।भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को सूचित कर दिया गया है। यहां पर चारुकीर्ति भट्ठारक स्वामी जी के सुझाव और मार्गदर्शन से तेजी से सुधार का कार्य चल रहा है ।
इसकी पूरी जानकारी चैनल महालक्ष्मी के रविवार 7 अगस्त के विशेष एपिसोड में रात्रि 8:00 बजे इस लिंक पर भी देख सकते हैं पूरे चित्र के साथ , क्या हुआ 2 अगस्त की रात।