अब मुनि निंदा नहीं होगी बर्दाश्त, अभी शंखनाद, सिंहनाद बाकी है -रवीन्द्र जैन पत्रकार को बनाया संयोजक

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भोपाल। मप्र की राजधानी भोपाल में 3 जनवरी को देशभर के मुनिभक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। हजारों की संख्या में पहुंचे मुनिभक्तों के इस जागरण सम्मेलन की सबसे बड़ी खासियत यह थी कि सम्मेलन में सभी पंथों के संतों के जयकारे गूंज रहे थे। मुनिभक्तों के हजारों हाथ एक साथ उठे। तय हुआ कि अब किसी कीमत पर मुनि निंदा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मुनि निंदा करने वालों को दिगम्बर जैन ही नहीं माना जाएगा। मुनि निंदक योगेशचंद और उसके साथियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई करने का प्रस्ताव भी पारित हुआ। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने मंत्री गोविंद राजपूत को समारोह स्थल पर भेजा, जहां मंत्री ने घोषणा की कि मुनि निंदकों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। आवश्यकता पड़ेगी तो इसके लिए अलग से कानून भी बनाया जाएगा।

3 जनवरी को भोपाल के विशाल भेल दशहरा मैदान पर मुनिभक्त जागरण सम्मेलन का आयोजन किया गया। दिगम्बर जैन मुनिधर्म रक्षा समिति के बैनर पर हुए इस आयोजन में देशभर से हजारों मुनिभक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। विशाल पांडाल आचार्य विद्यासागर जी, आचार्य वर्धमान सागर जी, आचार्य विशुद्ध सागर जी, आचार्य कुंथ सागरजी, आचार्य पुलक सागरजी, मुनि सुधा सागरजी, मुनि समता सागर, मुनि प्रमाण सागर सहित सभी दिगम्बर आचार्यों, मुनिराजों के जयकारों से गूंज रहा था। समारोह की अध्यक्षता श्री हृदयमोहन जैन विदिशा ने की। समारोह में भाजपा विधायक शैलेन्द्र जैन, पूर्व वित्त मंत्री राघवजी भाई, पूर्व विधायक सुनील जैन, सुकीर्ति जैन के अलावा दिगम्बर जैन तीर्थ क्षेत्र संरक्षण कमेटी के अध्यक्ष प्रभात जैन, मुनि संघ सेवा समिति भोपाल के अध्यक्ष मनोहरलाल टोंग्या, संयोजक नरेन्द्र जैन वंदना मंच पर मौजूद थे।

मुनि निंदकों के खिलाफ सबसे पहले एफआईआर कराने वाले भोपाल के वरिष्ठ पत्रकार रवीन्द्र जैन ने हुंकार भरते हुए साफ कहा कि अब मुनि निंदकों की खैर नहीं है। उन्होंने बताया कि किस तरह उन्होंने योगेश जैन और उसके साथियों को जेल के सीखचों के पीछे पहुंचाया। रवीन्द्र जैन ने कहा कि जब तक मुनि निंदकों को सजा नहीं दिला देंगे वे चैन से नहीं बैठेंगे। उन्होंने कहा कि भोपाल का यह आयोजन शंखनाद है। अभी सिंहनाद बाकी है। सागर जेल में हथकरघा के जरिए सैकड़ों कैदियों का जीवन बदलने वाली ब्रह्मचारिणी डॉ. रेखा जैन ने बताया कि मुनि निंदक योगेश सागर जेल में रहा है जहां उसने स्वीकार किया कि हथकरघा के जरिए अहिंसक वस्त्र बनाए जा सकते हैं।

भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थ क्षेत्र कमेटी के अध्यक्ष प्रभात जैन ने मुनि निंदकों को चुनौती दी कि वे तत्काल अनर्गल प्रलाप बंद करें वर्ना कठोर कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार रहें। भोपाल के पूर्व महापौर आलोक शर्मा ने कहा कि वे स्वयं आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज के शिष्य हैं और अपने गुरू के खिलाफ एक शब्द नहीं सुन सकते। यही कारण है कि उन्होंने स्वयं मुनिनिंदक योगेश और उसके साथियों के खिलाफ भोपाल के कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। सागर के पूर्व सांसद के बेटे सुधीर यादव ने भी बताया कि मुनि निंदकों के कमेंट पढ़कर वे इतने गुस्से में थे कि उन्होंने भी सागर के कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। टीकमगढ़ के श्रीपाल नायक, जैसीनगर के अवधेश जैन, विदिशा के राजीव जैन, सागर के सुरेन्द्र मालथौन ने भी बताया कि उन्होंने किन परिस्थितियों में मुनि निंदकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराईं हैं।
चार प्रस्ताव हुए पारित
समारोह में शामिल वरिष्ठ समाजसेवी प्रभात जैन, हृदय मोहन जैन, वीरेश सेठ, स्वतंत्र जैन खिमलासा, श्रीश जैन ललितपुर, मुकेश जैन ढाना आदि ने चार प्रस्ताव पारित किए।

पहला प्रस्ताव – जैन आगम एवं संविधान के अनुसार जो व्यक्ति या समूह देव शा एवं वर्तमान आचार्य, उपाध्याय, साधुओं को मानते हैं एवं उनके प्रति श्रद्धान रखते हैं वे ही दिगम्बर जैन होते हैं। अत: यह सभा प्रस्ताव करती है कि जो व्यक्ति या समूह देव शास्त्र एवं वर्तमान आचार्य, उपाध्याय एवं साधुओं के प्रति श्रद्धा नहीं रखते हैं एवं वर्तमान आचार्य, उपाध्याय, साधुओं की निंदा करते हैं वे दिगम्बर जैन नहीं हैं, इस आशय की घोषणा न्यायलय से कराई जाए। (प्रस्ताव ध्वनिमत एवं सर्वसम्मति से पारित)
दूसरा प्रस्ताव-योगेशचंद जैन पिता स्व. श्री वैध गंभीरचंद जैन निवासी अलीगंज जिला एटा उत्त प्रदेश द्वारा सोशल मीडिया पर जैन संतों के खिलाफ अनर्गल, आपत्तिजनक, निराधार, अश्लील आडियो-वीडियो पोस्ट डालकर पूरे भारत में साधु-संतों के प्रति श्रद्धा रखने वाले जैन-अजैन व्यक्तियों की भावनाओं को भड़काया है एवं राष्ट्र के शांति एवं सांप्रदायिक सौहाद्र्र भंग करने का कुकृत्य किया है। यह कृत्य राष्ट्र विरोधी गतिविधि की श्रेणी में आता है। अत: यह सभा प्रस्ताव करती है कि राज्य शासन द्वारा योगेशचंद्र जैन पिता स्व. वैध श्री गंभीरचंद जैन निवासी अलीगंज जिला एटा उत्तर प्रदेश के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाए। (प्रस्ताव ध्वनिमत एवं सर्वसम्मति से पारित)
प्रस्ताव तीन-योगेशचंद्र जैन पिता स्व. वैध श्री गंभीरचंद जैन निवासी अलीगंज जिला एटा उत्तर प्रदेश ने वर्ष 1988 में जयपुर विश्वविद्यालय से जैन श्रमण स्वरूप और समीक्षा विषय पर पीएचडी की है। इस पीएचडी को अवार्ड करने से पहले विश्वविद्यालय की टीम ने उनकी स्क्रिप्ट पर आपत्ति की थी क्योंकि योगेशचंद्र ने अपनी पीएचडी में हमारे आचार्य श्री 108 देशभूषण जी महाराज,आचार्य श्री 108 धर्मसागर जी महाराज, आचार्य श्री 108 विमलसागर जी महाराज, आचार्य श्री 108 विद्यानंद जी महाराज के विरुद्ध नाम के साथ आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं। तत्कालीन विभागाध्यक्ष के अनुसार योगेशचंद ने विश्वविद्यालय में लिखित पत्र दिया था कि आपत्तिजनक टिप्पणियां वापिस लेंगे, लेकिन उन्होंने छलपूर्वक पीएचडी प्राप्त कर ली एवं आपत्तिजनक टिप्पणियों के साथ पुस्तक प्रकाशित कर साधुओं के प्रति दुर्भावना पूर्वक द्वेष फैलाया। अत: यह सभा प्रस्ताव करती है कि योगेशचंद्र जैन की पीएचडी को निरस्त कराने के लिए विश्वविद्यालय में वैधानिक कार्रवाई एवं इस कृत्य आपराधिक प्रकरण दर्ज कराया जाए। (प्रस्ताव ध्वनिमत एवं सर्वसम्मति से पारित)
प्रस्ताव चार -दिगम्बर जैन अनुयायियों की यह सभा प्रस्ताव करती है कि हमारे पंच परमेष्ठी के वर्तमान विद्यमान आचार्य, उपाध्याय व साधुओं के ऊपर कथित व्यक्ति अथवा व्यक्तियों के द्वारा स्वयं को दिगम्बर जैन धर्म का बताकर/मानकर वर्तमान के मुनिराजों की निंदा/आलोचना/अश्लील शब्दावली का प्रयोग इलेक्ट्रानिक मीडिया, प्रिंट मीडिया, सोशल मीडिया आदि में करके झूठ, मिथ्या, मनगढ़ंत प्रचार-प्रसार करते हैं। ऐसे व्यक्ति या समूह के खिलाफ प्रारंभ हुआ जागरण अभियान जिसका उद्देश्य जो देव शास्त्र व वर्तमान के गुरुओं को नहीं मानता, व उनकी निंदा करता है वह दिगम्बर जैन नहीं है कि मान्यता को न्यायालय में घोषित कराना, समाज के प्रत्येक व्यक्ति को जागृत कर प्रत्येक गांव, कस्बे, नगर, महानगर तक इस बात को स्थापित करने के लिए आज हम यह प्रस्ताव करते हैं कि जागरण के लिए संपूर्ण संगठन को, जिसमें संगठन के बॉयलाज, संगठन का मुख्य कार्यालय, संगठन के मुख्य पदाधिकारियों का चयन, भारत वर्षीय दिगम्बर जैन समाज की मुख्य संस्थाओं के साथ समन्वय, प्रत्येक छोटे-बड़े नगर, जिले में इकाई का गठन एवं जो देव शास्त्र गुरू के प्रति सायबर क्राइम के तहत जो अपराध किया जा रहा है उसमें शामिल व्यक्तियों को सजा दिलाने के लिए एक विशेष विधि विशेषज्ञों की टीम के साथ आधुनिक सुविधाओं से संपन्न कार्यालय की स्थापना एवं जागरण के उद्देश्य की पूर्ति करने के लिए अन्य जो भी आवश्यक हो उन उद्देश्यों की पूर्ति के लिए हम संयोजक पद का सर्जन करते हैं। (प्रस्ताव ध्वनिमत एवं सर्वसम्मति से पारित) संयोजक पद के लिए श्री रवीन्द्र जैन पत्रकार, पुत्र स्व. श्री भगवानदास जैन निवासी 10-बी, प्रोफेसर कालोनी भोपाल को मनोनीत करने के लिए सर्व सम्मति से यह प्रस्ताव करती है और उनसे अनुरोध करती है कि वे विधिवत सभी का आशीर्वाद लेकर संस्था के स्वरूप और गठन की कार्रवाई को आगे बढ़ाएं। (प्रस्ताव ध्वनिमत एवं सर्वसम्मति से पारित)
मंत्री ने दिया आश्वासन

समारोह में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने प्रतिनिधि के रूप में परिवहन एवं राजस्व मंत्री श्री गोविंद राजपूत को भेजा। मंत्री राजपूत ने भरोसा दिलाया कि मुनि निंदकों को कठोर दंड दिलाने के लिए सरकार हर संभव प्रयास करेगी। उन्होंने कहा कि आचार्य श्री विद्यासागरजी सिर्फ जैनों के नहीं जन-जन के संत हैं। कार्यक्रम में नरेन्द्र जैन वंदना, अरविंद सुपारी, पंकज सुपारी, पवन सुपर, श्रीश जैन ललितपुर, पंकज जैन ललितपुर, मुकेश जैन ढाना आदि उपस्थित थे।
प्रस्तुति : अविचल जैन, भोपाल