6 जून 2022/ जयेष्ठ शुक्ल सप्तमी /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/
चौंकिए मत, आज चैनल महालक्ष्मी आपको उस मंदिर के दर्शन कराएगा, जो अपनी वर्तमान स्थिति देखकर, आने वाले को रोने को मजबूर कर देता है। क्या दशा हो रही है हमारे प्राचीन मंदिरों की आज। जब सबकी नजरें 15 जून से शुरू होने वाले, मांगीतुंगी तीर्थ पर 108 फुट के उतंग श्री आदिनाथ भगवान की प्रतिमा पर महामस्तकाभिषेक पर लगी है , तब अगर आप उधर आ रहे हैं , तो वहीं से बस 45 किलोमीटर दूर, इस अतिशय तीर्थ पर , एक बार जरूर आना। पता चले कि हम जैन कहां तक, अपनी विरासत को बचाने में नाकामयाब हो रहे हैं।चांदवाड गुफा मंदिर, मांगीतुंगी के पास। अतिक्रमण मौजूद, विस्तार की संभावना। बचाइए अपने क्षेत्रों को।
चांदवाड महाराष्ट्र नाशीक से ७० किलोमीटर मनमाड से ४५ किलोमीटर पर पहाड पर ये मंदिर गुफा के अन्दर भगवान मुनिसुब्रतनाथ भगवान के काल में राम जी ये मंदिर बनाया।इस गांव का नाम चांदवाड भी, चंद्रप्रभू भगवान के नाम से ही रखा गया था । यह मंदिर गांव का कुल मंदिर से प्रसिद्ध था। जिस पर दूसरे समुदाय के लोग अपना अधिकार जमाने लगे हैं और कालीका मंदिर का बोर्ड भी लगा दिए अपने झंडे भी लगा रखें है।
चांदवाड की समाज ने प्रयास करके अभी काफी एरीया घेर कर गेट लगाके ताला लगा कर रखें हैं पूर्ण रूप से खाली नहीं करा सके. और उस स्थान की जानकारी मिली।
अपने समाज को इस पर सोचना चाहिए और ऐसे पुराने अतिश्य क्षेत्र बचाना चाहिए। और लोगो को ऐसे क्षेत्र की पूरी जानकारी भी देनी चाहिए जिससे लोग दर्शन को जा सके।
एक पुराने अतिश्य क्षेत्र बचाने एंव उसका र्जिनोदार करवाने से एक हजार नये मंदिर बनाने के बराबर पूण्य मिलता है।