लाहौर – पाकिस्तान में उर्दू भाषा में छपे तत्वार्थसूत्र का संवर्द्धन, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग में देश की अमूल्य धरोहर के रूप में रजिस्टर्ड

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5 जून 2022/ जयेष्ठ शुक्ल छठ /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/
श्रुतपंचमी महापर्व पर जिनवाणी की साज सम्हाल भी की जाती है, जिसके अन्तर्गत पुराने शास्त्र व धार्मिक पुस्तकों तथा मन्दिर जी में नियमित रूप से उपयोग में आने वाली पुस्तकों को सही व सुव्यवस्थित करते हैं , शास्त्र भण्डारों की भी सम्हाल की जाती है । कुछ स्थानों पर तो पाण्डुलिपियों की प्रदर्शनी भी लगाई जाती है ।

इसी क्रम में मैने भी लाहौर – पाकिस्तान में उर्दू भाषा में छपे तत्वार्थसूत्र तथा कई अन्य हिन्दी व उर्दू की पुस्तकों का संवर्द्धन किया है जिसके कुछ पृष्ठ आपके अवलोकनार्थ प्रैषित है :
एक अन्य हस्तलिखित लगभग 150 वर्ष पुराना ग्रंथ जिसमेँ अनेक रंगीन माण्डने भी है ।

इस पुस्तक को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग में देश की अमूल्य धरोहर के रूप में रजिस्टर्ड कराया है । रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट व कुछ चित्र भी अवलोकनार्थ प्रैषित हैं।

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