31 मई 2022/ जयेष्ठ शुक्ल एकम /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/
गोपाचल पर्वत पर अनेक जैन तीर्थंकर प्रतिमाओं पर ऊपर पहाड़ी पर बने, सिंधिया स्कूल में जल निकास की उचित व्यवस्था ना होने से, वहां का सारा गंदा पानी , तीर्थंकर प्रतिमाओं पर वर्षों से पड़ रहा है, जो हमारी प्रतिमाओं की अवमानना ही नहीं , बल्कि उनके शरण का भी बहुत बड़ा कारण है ।
भारतीय पुरातत्व विभाग की देखरेख में , अभी तक इस पर कोई गंभीर कार्यवाही नहीं हुई। इस बारे में जैन धर्म संरक्षण महासंघ की ओर से, हमने कई पत्र लिखे। अब राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने हमारे पत्र पर कार्यवाही करते हुए , ग्वालियर जिला अधिकारी को पत्र लिखा है कि इस बारे में उचित कार्यवाही की जाए।
अब देखना यह है कि क्या कोई बड़े नेता के बड़े स्कूल के प्रति लापरवाही बरतने और तीर्थंकर प्रतिमाओं के उचित संरक्षण के लिए कार्यवाही की जाएगी तो कब।