अतिशय! अतिशय! तीर्थंकर प्रतिमा से जल आना क्या पंचम काल में चमत्कार है?

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चमत्कार! चमत्कार! चमत्कार! अतिशय! अतिशय! अतिशय! श्री 1008 पारसनाथ दिगम्बर जैन मंदिर जी, पारस विहार, बड़ौत में हो रहा अतिशय। हो रहा है स्वतः अभिषेक इन्द्रो द्वारा।

तीर्थंकर प्रतिमा से जल आना क्या पंचम काल में चमत्कार है?

जैन दर्शन के अनुसार – भद्रबाहु संहिता (पेज न. 253) के अनुसार तीर्थंकर प्रतिमा से पसीना / जल आना (देवो द्वारा अभिषेक समझना) चमत्कार नही अपितु विद्वेश / संघर्ष / विपत्ति आने की सूचना है। कृपया चमत्कार न समझकर अपितु चिंताजनक माने!
पिछले वर्ष अनेक जैन प्रतिमाओं में से जल निकलने की सूचना आयी थी और उसके बाद कोरोना जैसी महामारी आयी।।

जनवरी फरवरी 2020 में ऐसा हुआ था। उसके बाद के परिणाम पता है सभी को। लेकिन लोग इसे पंचम काल मे चमत्कार मानते है!!

वैज्ञानिक कारण – एक पाषाण विशेषज्ञ से इस विषय में मैंने चर्चा की थी। उन्होंने बताया कि पाषाण की खासियत यह होती है कि वह बहुत देर में ठंडा होता है और बहुत देर में गर्म होता है। जब सर्दी बहुत ज्यादा पड़ती है तब कभी कभी पाषाण के अंदर एकत्रित प्राकृतिक जल बाहर आ जाता है। यह एक प्राकृतिक क्रिया है। उदाहरण जैसे स्टील के गिलास में बिल्कुल ठंडा पानी डालने पर गिलास के बाहर पानी की बूंदे जम जाती है। प्रतिमा से बाहर पानी आने का एक कारण ये भी हो सकता है!