आचार्य श्री हिंदी पर दे रहे जोर ,वही कुंडलपुर कमेटी अंग्रेजी की ओर, शोर मचा तो गलती सुधारी, अंग्रेजी प्रमाण पत्र के बाद अब हिंदी की बारी

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19 मई 2022/ जयेष्ठ कृष्णा चतुर्थी /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/
आचार्य विद्यासागर जी महाराज ने प्रवचनों के माध्यम से कुछ ही दिन पहले हर एक संस्था का नाम हिंदी के बड़े और स्पष्ट अक्षरों में लिखने की बात प्रवचनों के माध्यम से कही है। जब आचार्य गुरुदेव अपने प्रवचनों में भारतवर्ष नाम को बढ़ावा देते हैं। हिंदी को बढ़ावा देते हैं। तो परम पूज्य गुरुदेव की सबसे ज्यादा कृपा पात्र कमेटी एवं सबसे प्रिय तीर्थ क्षेत्र कुंडलपुर की क्षेत्र कमेटी के द्वारा आयोजित और परम पूज्य गुरुदेव के आशीर्वाद से जैन महाकुंभ के इस आयोजन के प्रमाण पत्रों को अंग्रेजी भाषा में किसके कहने पर लिखा गया और इसके द्वारा आचार्य श्री की आज्ञा की अवहेलना की गई।

तो वहीं परम पूज्य आचार्य गुरुदेव की कृपा प्राप्त श्री दिगंबर जैन कुंडलपुर क्षेत्र कमेटी का अंग्रेजी प्रेम सामने आया है। श्री दिगंबर जैन कुंडलपुर क्षेत्र कमेटी के द्वारा जारी किए गए कुंडलपुर महा महोत्सव के प्रमाण पत्रों में यह अंग्रेजी प्रेम साफ झलकता हुआ दिखाई दे रहा है। यह बात हम नहीं कह रहे, बल्कि कुंडलपुर क्षेत्र कमेटी के द्वारा जारी किए गए प्रमाण पत्र चीख चीख कर यह कह रहे हैं, और यह साबित भी कर रहे हैं कि कुंडलपुर कमेटी अंग्रेजी से प्रेम करती है, हिंदी से नहीं। जबकि परम पूज्य गुरुदेव आचार्य विद्यासागर जी महाराज हिंदी को बढ़ावा देने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़े हुए है।

जारी प्रमाण पत्र अंग्रेजी में क्यों ~
श्री दिगंबर जैन कुंडलपुर क्षेत्र कमेटी द्वारा कुंडलपुर महोत्सव के दौरान अपनी सेवाएं देकर काम करने वाले पदाधिकारियों को सर्टिफिकेट जारी किए गए हैं। जिसमें सर्टिफिकेट ऑफ अप्प्रेसिअशन (Appreciation) लिखा हुआ है। वही पूरा मैटर भी अंग्रेजी भाषा में लिखा हुआ है। इसके साथ ही कार्यक्रम के समन्वयक के हस्ताक्षर के अलावा इस कमेटी के पदाधिकारियों के नाम और हस्ताक्षर भी अंकित है। लेकिन यह सब कुछ अंग्रेजी भाषा में लिखा हुआ है। जबकि कुंडलपुर को वैश्विक पहचान दिलाने वाले, कुंडलपुर में दुनिया का सबसे बड़ा भव्य जैन मंदिर बनवाने की प्रेरणा देने वाले परम पूज्य आचार्य गुरुदेव विद्यासागर जी महाराज हिंदी में ही सभी कार्य करने की सीख देते हैं। ऐसे में क्यों ? किस हठधर्मिता के चलते श्री दिगंबर जैन कुंडलपुर क्षेत्र कमेटी द्वारा यह प्रमाण पत्र अंग्रेजी भाषा में ना केवल प्रकाशित कराए गए, बल्कि इन्हें वितरण करने के लिए भेजे गए। ऐसे में परम पूज्य गुरुदेव की मंशा पर कुंडलपुर क्षेत्र कमेटी ही सवाल खड़े कर रही है।

जब कुंडलपुर कमेटी के अंग्रेजी प्रेम की जानकारी, चारों तरफ फैली तो 12 घंटे के अंदर ही अंग्रेजी प्रेम को हिंदी प्रेम में बदल दिया गया।
महा महोत्सव के समन्वयक सावन सिंघई ने फोन पर जानकारी देते हुए बताया कि वह प्रमाण पत्र जो अंग्रेजी में प्रकाशित किया गया है, वह चिकित्सा समिति के माध्यम से प्रकाशित कराया गया है। जबकि कुंडलपुर क्षेत्र कमेटी और महा महोत्सव समिति के माध्यम से केवल हिंदी भाषा में सम्मान पत्र का प्रकाशन कराया गया है। जिनकी संख्या करीब ढाई हजार है। सभी प्रमाण पत्र कुंडलपुर में रखे हुए हैं। चुनावी कार्य शुरु हो जाने के चलते इनका वितरण नहीं हो सका है।

बड़ा सवाल चिकित्सा समिति ने क्यों छपवाए सर्टिफिकेट
कुंडलपुर में आयोजन के दौरान चिकित्सा समिति के माध्यम से चिकित्सकीय कार्य संपादित किया गया था। ऐसे में चिकित्सा जगत से जुड़े तमाम लोगों के द्वारा इसमें भरपूर सहयोग दिया गया था, और इसी सहयोग के सम्मान स्वरुप सर्टिफिकेट का वितरण किया जाना था। तो उस सर्टिफिकेट को अंग्रेजी में प्रकाशित कराया गया। लेकिन सवाल केवल कितना है कि जब आयोजन कुंडलपुर क्षेत्र कमेटी का है, तो इस आयोजन में शामिल चिकित्सकों के प्रमाण पत्रों का प्रकाशन चिकित्सा समिति ने क्यों कराया। कुंडलपुर क्षेत्र कमेटी ने क्यों नहीं। यह सवाल अभी अनसुलझा है।
तूफ़ान टीवी से साभार