15मई 2022/ बैसाख शुक्ल चतुर्दशी /चैनल महालक्ष्मीऔर सांध्य महालक्ष्मी/
क्या किसी प्रतिमा पर श्रावकों के अलावा भी कोई अभिषेक करता है, ऐसा प्राय देखा जाता है और फिर मन चिंतन को मजबूर हो जाता है। कुछ तथ्य लेकर आते हैं विज्ञान से, कारण बताते हैं और कुछ भक्ति में इसको अतिशय और चमत्कार की घटना बताते हैं। अब कोई कैसा भी समझे , पर ऐसा फिर हुआ।
यह बात है जबलपुर के हनुमानताल बड़े जैन मंदिर से जहां पर कुछ समय पहले 9 मई को गोल बाजार में हुए पंचकल्याणक से मुनीसुव्रत तीर्थंकर की प्रतिमा को प्रतिस्थापित करा कर इस बड़े मंदिर में विराजमान किया था । कल शनिवार था और कुछ इसे मुनीसुव्रत भगवान जी का ही दिन मानते हैं । वैसे सब के गुण सामान होते हैं , फिर भी हम लोगों ने दिन अनुसार तीर्थंकरों को जैसे बांट दिया है यह बात अलग है पर कल रात्रि लगभग 8:30 बजे यह जानकारी मिली कि इस प्रतिष्ठित प्रतिमा पर सिर से जल की धारा बह रही है और जिस को जानकारी मिली कि इस नई प्रतिस्थापित प्रतिमा में ऐसा अतिशय हो रहा है, वह वही पहुंचने लगा ।
हैरानी तो तब चली की थाने की पुलिस भी इसमें जानकारी लेने लगी कि ऐसा मंदिर में कौन सा कार्यक्रम कर रहे हैं ,जिसमें इतनी भीड़ बढ़ती जा रही है । मिली जानकारी के अनुसार प्रतिभा के सिर और कान से जल की धार बह रही थी और जो लगातार चलती रही, घड़ी 12:00 बजे को पार कर गई थी, तब भी लोगों का आना बदस्तूर जारी था और यह धारा रात्रि 1:00 बजे जाकर बंद हुई, यानी लगभग पांच घंटे धारा का बहना जरूर कुछ चिंतन को मजबूर कर देता है । यह अतिशय था उस विराजमान नई प्रतिमा का आप माने या ना माने पर कई बार विज्ञान जहां खत्म होता है ज्ञान की शुरुआत उसके बाद से होती है।
चैनल महालक्ष्मी के मंगलवार 17 मई को प्रातः 8:00 बजे के विशेष एपिसोड में देखिए कैसे हुआ और कैसे लोगों की लग गई भीड़