गिरनार बचाओ, लगातार बदल रहे, अब श्री नेमिनाथ टोंक पर यह क्या ले जा रहे , रोज बदला जा रहा और हमसे कुछ करा नहीं जा रहा

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8 मई 2022/ बैसाख शुक्ल सप्तमी /चैनल महालक्ष्मीऔर सांध्य महालक्ष्मी/
आज कई तरह के योद्धा देखे जाते हैं। कुछ योद्धा संग्राम स्थल तक जाने की कोशिश ही नहीं करते , लगता है प्रतिद्वंदी बहुत मजबूत है , लड़ने का क्या फायदा । वह नहीं देखते कि वह सत्य और धर्म की नींव पर टिका है।

कुछ योद्धा ऐसे होते हैं , जो सत्य पर, सही पर ,कोई चोट करने लगे, तो सामने आकर खड़े हो जाते हैं । उन्हें नतीजे की परवाह नहीं , पर लगता है सत्य के कवच , सही के कवच , बन कर खड़े हैं ।

कुछ ऐसे भी योद्धा होते हैं , जो करने , मरने की कसम तो खाते हैं , पर करते कुछ नहीं है ।अपने ही घरों में छिपे रहते हैं , अहिंसा के नाम पर, कायर बन जाते हैं ।

इन तीन में से हम, अपने को किस वर्ग में डालें। यह हमें स्वयं सोचना होगा।

हां, जूनागढ़ का गिरनार। श्री कृष्ण जी के भाई और पुत्रों की मोक्ष स्थली, पर अब उन्हें अनिरुद्ध कुमार महामुनिराज , शंभू कुमार महामुनिराज , प्रद्युम्न कुमार महामुनिराज के साथ 72 करोड़ 700 मुनिराजों के साथ, तीर्थंकर श्री नेमिनाथ जी की बजाए, दत्तात्रेय और गोरखनाथ के नाम से जाना जाने लगा है। यह इतिहास कोई ज्यादा पुराना नहीं है।

पर पिछले 20 सालों में जिस तरीके से, इतिहास के पन्नों को बदलकर , दूसरी स्याही से रंगा जा रहा है , वह किसी से छुपा भी नहीं है। पिछले तीन-चार सालों में तो अब इंतहा इतनी हो गई , कि जैन समाज ने अपने हथियार ही रख दिए हैं । हथियार यानी अपनी आवाज, सही के लिए बोलना, आवाज उठाना, अपने तीर्थ की सुरक्षा करना। और आज रोजाना वहां पर, नए नए निर्माण हो रहे हैं ।

अनिरुद्ध कुमार मुनिराज जी की टोंक से नहीं पहचानता उन्हें कोई, शंभू कुमार मुनिराज के नाम से नहीं पहचानता, अब तो प्रदुमन कुमार जी की टोक भी किसी और नाम से पुकारी जाती है। क्या सही इतिहास यही है या फिर हम भी उस इतिहास को बदलने को तैयार हो रहे हैं ।

बस क्या करेंगे हम? कम हैं । न्याय कभी गिनती को नहीं देखता, पर जो सही को भी सही कहने के लिए सदा सजग नहीं रहता, उसे कौन बचाएगा? आज रविवार , 8 मई को सोशल मीडिया पर , जैन समाज के सबसे लोकप्रिय जैन न्यूज़ चैनल , चैनल महालक्ष्मी पर रात्रि 8:00 बजे जरूर देखिएगा, कि तीसरी टोंक पर यह क्या हो गया, पांचवी टोंक, जो बदल दी गई , अब क्या नया ले जाया जा रहा है । रोज कुछ नया बदल दिया जाता है और जैनों को पता भी नहीं चलता ।

सचमुच हमने आंख को खोले करना और कानों से सुनना, बिल्कुल बंद कर दिया है । जागिए , उस से पहले कि बहुत देर हो जाए । देखना मत बोलिएगा , यूट्यूब चैनल महालक्ष्मी पर रात्रि 8:00 बजे आज 8 मई को।