प्रतिमा दिन में मौसम सही होने पर , तीन बार रंग बदलती है , पर अपने ही जैन अतिशय तीर्थ को हिंदू मंदिर कहते है तो …

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2 मई 2022/ बैसाख शुक्ल दौज /चैनल महालक्ष्मीऔर सांध्य महालक्ष्मी/
क्या किसी गिरजाघर को मंदिर कह सकते हो क्या किसी मस्जिद पर यह लिखा हो सकता है कि यह गुरुद्वारा है, या किसी गुरुद्वारे पर कभी है पड़ा है कि यह हिंदू मंदिर है, ऐसा लिखना या देखना तो दूर , सोचना भी संभव नहीं। पर हां, जहां जैन मंदिरों को तोड़ा जाता है , बदला जाता है , ऐसे जैन समाज के मंदिर को हिंदू मंदिर कोई कहे तो हैरानगी नहीं होनी चाहिए और हां अब तो तब भी हैरान की नहीं होनी चाहिए , जब हम अपने ही अतिशय तीर्थ को ही हिंदू मंदिर कहते हों, चौंकिए मत, यह 100 फ़ीसदी सत्य है।

बेलगांव से चलेंगे तो लगभग 62 किलोमीटर और धारवाड़ से चलने पर 44 किलोमीटर दूर आप कर्नाटक के इस अतिशय कार्य तीर्थ पर पहुंच जाएंगे । जहां एक स्कूल में खुदाई के दौरान 23वें तीर्थंकर पारसनाथ जी की 3 फुट 11 इंच की हरित वर्ण की अतिशय कारी प्रतिमा निकली थी, जिसे पुरातत्व विभाग ने 11 वीं सदी का बताया है। विश्वास कीजिए 1000 वर्ष प्राचीन प्रतिमा निकली और यह खूबसूरत मंदिर उसी तीर्थ का प्रतीक है, जिसको हम सोशल मीडिया में प्रचारित कर रहे हैं लगभग 5 सालों से ज्यादा, एक हिंदू टेंपल के रूप में।

विश्वास कोई नहीं करेगा, जब जैन समाज ही अपने अतिशय तीर्थ को हिंदू मंदिर कहेगा । पर जब यह दिखता है , तो आंखें विश्वास नहीं कर पाती चैनल महालक्ष्मी ने वहां के प्रमुख देवेंद्र गोदर से बात की और जब उन्हें बताया कि ऐसा हो रहा है, तो उन्हें विश्वास ही नहीं हुआ, कहा गलती सुधार लेंगे तुरंत । पर 24 घंटे बाद भी उसको सुधारा नहीं गया , जैसे किसी भी जैन संस्था को विशेषकर , जो संस्था उसकी बागडोर देख रही है, उसे भी इसकी कोई चिंता नहीं। इस प्रतिमा की ,जो वहां की खास है।

वह प्रतिमा दिन में मौसम सही होने पर , तीन बार रंग बदलती है । विश्वास कीजिए यह हैरानी वाली बात है ,पर कई अतिशय है इस तीर्थ पर। दूसरा बदलता है तो हम शोर मचाते हैं , पर जब अपने ही जैन अतिशय तीर्थ को हिंदू मंदिर कहते है तो हम किस के सामने रोना रोए।

विश्वास नहीं होता पर कल 4 मई , बुधवार प्रातः 8:00 बजे जैन समाचारों के सबसे लोकप्रिय सोशल मीडिया पर चल रहे चैनल यूट्यूब चैनल महालक्ष्मी पर प्रातः 8:00 बजे जरूर देखिएगा। एक्सक्लूसिव खुलासा , जो आज जैन समाज ही नहीं जानता और वर्षों से ऐसा बता रहे हैं, जैन मंदिर को हिंदू मंदिर कह रहे हैं।