डेढ़ सौ वर्ष प्राचीन, अनूठा, 18 फीट ऊंचा, जिसकी सफाई करने में लगे 2 दिन, ऐसा स्वर्ण रथ1870 में दिल्ली में बनवाया गया था

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15अप्रैल 2022//चैत्र शुक्ल चतुर्दशी /चैनल महालक्ष्मीऔर सांध्य महालक्ष्मी/

डेढ़ सौ वर्ष पहले बना, जिसको साफ करने में लगते हैं 2 दिन, बिना बेरिंग का लकड़ी के सिस्टम से चलने वाला, 18 फीट का स्वर्ण रथ, जो आज भी सड़कों पर जब चलता है, तो सब को गौरवान्वित करता है।

18 फीट ऊंचा रथ, पहिए पुरानी लकड़ी के सिस्टम से चलते हैं। इसमें बैरिंग नहीं है।
02 दिन लगते हैं रथ को साफ करने में, ट्रक में लोड करो तो पूरा दिन लग जाता है।
30 से 40 की स्पीड से ज्यादा नहीं चल सकता था ट्रक, जब इसे लोड कर अन्यत्र ले जाते थे।

अजमेर| महावीर जयंती पर गुरुवार को अजमेर में भगवान महावीर को विशेष स्वर्ण रथ में विराजित कर नगर भ्रमण कराया गया। अजमेर का यह स्वर्ण रथ देश में अपनी कलाकृति और खासियत के लिए मशहूर है। वर्ष 1870 में इसे सेठ सर मूलचंद सोनी ने दिल्ली से खास तौर पर बनवाया था। सोनी परिवार के प्रमोद सोनी बताते हैं कि रथ पर सोने की परत चढ़ी है।
पहले इस रथ को देशभर में पंचकल्याणक महोत्सवों में भेजा जाता था। यह रथ काफी पुराना हो गया है इसलिए इसे अब दूसरे शहरों में महोत्सवों में नहीं भेजा जाता। इसे अब केवल महावीर जयंती के खास मौके पर ही निकाला जाता है। यह विभिन्न भागों में है और एहतियात भी पूरी रखनी पड़ती है। ऐसे में इसे ले जाने व लाने में खासी मशक्कत भी करनी पड़ती है।