2 वर्षों बाद आज ध्वजारोहण के साथ शुरू हो गया श्री महावीरजी में महावीर स्वामी के जन्म कल्याणक का महा महोत्सव और मेला

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11 अप्रैल 2022//चैत्र शुक्ल दशमी /चैनल महालक्ष्मीऔर सांध्य महालक्ष्मी/
श्री महावीरजी में आज सुबह 9:00 बजे ध्वजारोहण के साथ चैत्र शुक्ल त्रयोदशी से वैशाख कृष्ण द्वितीया तक चलने वाले मेले का शुभारंभ हो गया । 2 साल कोरोना के कारण रुकने के बाद, आज इस उत्सव की शुरुआत हुई। मंदिर के गेट पर ध्वजारोहण हुआ , ध्वजारोहण मंदिर के मैनेजर श्री नेमी कुमार पाटनी जी द्वारा किया गया तथा इसमें स्थानीय सभी बंधु एवं यात्रीगण ने सम्मिलित होकर धर्म लाभ लिया ।

इस अवसर पर मुनि श्री चिन्मयानंद जी मुनि श्री अनुमान सागर जी, आर्यिका श्री सृष्टि भूषण माताजी ने मंगल प्रवचन में श्री श्री महावीर जी अतिशय क्षेत्र की पहचान और जानकारी दी।

और आज तथा कल पूजन, भजन, सामूहिक आरती और शास्त्र प्रवचन का कार्यक्रम होगा। श्री महावीर स्वामी जन्म कल्याणक के दिन 14 अप्रैल को प्रातः 6:00 बजे प्रभात फेरी निकलेगी। उसके बाद जल यात्रा, छात्रों को लाडू का वितरण होगा और अस्पताल तथा हिंडौन के जेल में भी फलों का वितरण किया जाएगा ।

15 अप्रैल को मान स्तंभ की प्रतिमाओं का अभिषेक होगा, सामूहिक पूजन, सामूहिक आरती, शास्त्र पूजन, भजन संध्या, राजस्थानी लोक नृत्य, लोक गीत आदि का कार्यक्रम होगा। फिर 16 अप्रैल को यही कार्यक्रम होने के बाद, 17 अप्रैल को दोपहर 2:00 बजे रथयात्रा निकलेगी, जिसमें भगवान महावीर स्वामी की प्रतिमा का जलाभिषेक के लिए रथ यात्रा के रूप में गंभीर नदी के तट पर ले जाया जाएगा और शाम को घुड़दौड़ और ऊंट दौड़ का भी आयोजन होगा। 18 अप्रैल को दोपहर 2:00 बजे ग्रामीण कुश्ती का दंगल और फिर मेला समापन समारोह होगा। मंदिर कमेटी ने इस बार दिव्यांगों के लिए 10 से ज्यादा व्हीलचेयर और कृत्रिम पैर भी उपलब्ध कराए हैं। पहली मंजिल तक दिव्यांगों के लिए लिफ्ट की सुविधा भी है।

श्री महावीर जी रेलवे स्टेशन पर अपडाउन 18 ट्रेन रूकती है, जहां से जैन मंदिर की दूरी 8 किलोमीटर है । मंदिर कमेटी ने स्टेशन से मंदिर तक लाने के लिए हमेशा की तरह निशुल्क बस सुविधा उपलब्ध कराई हुई है। रोडवेज की स्पेशल बसें लगी है , जो विभिन्न क्षेत्रों से यहां पहुंचेंगे। पार्किंग की निशुल्क व्यवस्था मंदिर से 200 मीटर दूर रखी गई है।

यात्रियों के लिए 7000 तक ठहरने की व्यवस्था है और यहां ₹80 से ₹3000 तक के कमरे हैं। मंदिर प्रबंधन ने ₹60 की दर से खाने की व्यवस्था भी रखी हुई है।