तुम नहीं, हम हैं महावीर- हम तुमसे ज्यादा अहिंसक हैं क्यूं कि कर्मों को रो धो कर सहते हैं , अपनी आत्मा भूलकर डटे हुए हैं मैदान में अभी तक

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9 अप्रैल 2022//चैत्र शुक्ल अष्टमी /चैनल महालक्ष्मीऔर सांध्य महालक्ष्मी/
शक्ति शाली को
कहा जाता है महावीर
जो डरता नहीं किसी से
मगर तुम तो डर गए
कर्मों से
संसार से
दुखों से
पाप से
पुण्य से
और चले गए जंगल
फिर प्राप्त की वीतरागता
और मोक्ष
लेकिन हमारी हिम्मत देखो

डटे हुए हैं अनादि काल से
इसी संसार में
अनंत दुख सहते
और फिर भूल जाते हैं ,
पुण्य और पाप
दोनों से नहीं डरते
बल्कि लगे रहते हैं
बनाने में इनका बैलेंस
जो तुम न बना सके ,
चारों गति के सुख और दुख
दोनों सहते हैं,
ये तुमसे न हुआ ,
हम तुमसे ज्यादा
अहिंसक हैं क्यूं कि
कर्मों को रो धो कर सहते हैं

मगर उनको कभी
काटते नहीं हैं ,
अपनी आत्मा भूलकर
डटे हुए हैं
मैदान में अभी तक
तुम्हारी तरह
मैदान छोड़कर
जाते नहीं हैं ।
तुम्हीं बताओ अब
कौन है महावीर
हम या तुम ?

(एक व्यंग्यात्मक विचारणीय काव्य)
– प्रो अनेकान्त कुमार जैन ,नई दिल्ली