चैत्र शुक्ल एकम यानी 2 अप्रैल, जब तीर्थंकर श्री मल्लीनाथ जी का जीव अपराजित विमान में अपनी आयु पूर्ण कर, मिथिला नगरी की महारानी महादेवी के गर्भ में आया

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1 अप्रैल 2022//चैत्र कृष्णा अमावस /चैनल महालक्ष्मीऔर सांध्य महालक्ष्मी/

चैत्र शुक्ल एकम यानी 2 अप्रैल, वह पावन दिन, जब हमारे 19 वे तीर्थंकर श्री मल्लीनाथ जी का जीव अपराजित विमान में अपनी आयु पूर्ण कर, मिथिला नगरी के महाराजा कुंभ राज की महारानी महादेवी, जिन्हें प्रभावती भी कहा जाता है, उनके गर्भ में आया

और इस दिन से 6 माह पूर्व से ही सौधर्मेंद्र की आज्ञा से कुबेर ने , राज महल के ऊपर सुबह दोपहर शाम तीनों पहरों में साढ़े तीन करोड़ रत्न, हर बार ,वर्षा करते रहे।

लगातार 15 माह तक। यानी राज महल पर 15 माह के भीतर 48250 करोड़ रत्नों की वर्षा की गई।

बोलिए 19 वे तीर्थंकर श्री मल्लिनाथ भगवान के गर्भ कल्याणक की जय जय जय।