जैनों की आज फिर ,लुट रही लाज, आज देखिए, #गोम्मटगिरि पर कैसे गिर रही गाज #save_gommetgiri

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30 मार्च 2022//चैत्र कृष्णा त्रियोदशी /चैनल महालक्ष्मीऔर सांध्य महालक्ष्मी/

मध्य प्रदेश की औद्योगिक और धर्म नगरी, इंदौर के गांधीनगर की एक पहाड़ी पर बसा है , गोमटगिरी। एयरपोर्ट से महज 5 किलोमीटर दूर और स्टेशन से कहें तो 13 किलोमीटर की दूरी पर है, यह जैनों की तीर्थ कहीं जाने वाली गोमटगिरी।

तारीखों से देखें , तो 31 अगस्त 1980 को 2.75 एकड़ मध्यप्रदेश शासन द्वारा जैन समाज को या फिर कहें, बाहुबली दिगंबर जैन ट्रस्ट को शासन द्वारा प्रदान की गई और फिर 30 नवंबर 1983 को 53. 11 एकड़ जमीन तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री अर्जुन सिंह द्वारा जैन ट्रस्ट को दी गई और 28 दिसंबर 1983 को जैन समाज को इसका कब्जा प्राप्त हुआ।

इस बीच इस धरा पर आचार्य श्री विद्यानंद जी मुनिराज ने तब कई अन्य वंदनीय संतो के साथ यहां पर पंचकल्याणक कर , दक्षिण श्रवणबेलगोला की श्री बाहुबली स्वामी की प्रतिकृति के रूप में, यहां पर 21 फुट के बाहुबली स्वामी को प्रतिष्ठित कर, जैन समाज के उस तीरथ की रचना की, यहां पर। 24 तीर्थंकरों के 24 मंदिर भी हैं और शांत, मनोरम, नयनाभिराम स्थल, आज जैन समाज के प्रमुख तीर्थों में अग्रणी रूप से गिना जाता है ।

पर, हमारे तीर्थ कुछ को फूटी आंख नहीं सुहाते और उन पर कब्जे की कोशिशें लगातार रहती हैं। इस कड़ी में चाहे कोई केदारनाथ कहे या कोई महालक्ष्मी मंदिर कहे , या कोई कुतुबमीनार कहे, या कोई फतेहपुर सीकरी कहे ,कोई तिरुपति बालाजी कहे या फिर अब तो गिरनार, पर नजरें गड़ गई और शिखर जी भी उन्हें सपनों में दिखने लगा है।

कैसे इस तीर्थ पर , एक अन्य विशेष समुदाय ने अनधिकृत निर्माण का सिलसिला शुरू कर दिया। उसने ना केवल हमें , अपने अधिकृत दिए हुए क्षेत्र में, निर्माण से रोकने में अर्चन डाली , मारपीट , झगड़े और हिंसा से हमारी सहनशीलता का दुरुपयोग किया। सरकारी प्रशासन आंखें मूंदे रहा । जब सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण बदस्तूर जारी रहा । यह 20 सालों की चल रही कथा पर, आज तक कोई रोक नहीं। जिस तरीके से गिरनार जी में पांचवी टोंक पर अदालत ने किसी भी तरह के निर्माण का स्टे तो लगा दिया, पर हम मूकदर्शक बने रहे और दूसरे संप्रदाय ने वहां पर ऐतिहासिक चरणों को हटाकर, अपना पूरा मंदिर ही निर्माण कर लिया ।

यह होता है जब प्रशासन, पर्दे के पीछे आंख मूंदकर, अपने वोटों की राजनीति के तले सब कुछ उल्टा करने से गुरेज नहीं करता। अदालती निर्णय का पालन ताक पर रख दिया जाता है । ऐसा ही गोमटगिरी में हुआ । तहसीलदार द्वारा बार-बार स्थगन आदेश देने के बावजूद , दंडात्मक कार्यवाही करने की घोषणा के बावजूद सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण बदस्तूर जारी है। इस बारे में चैनल महालक्ष्मी ने गोमटगिरी के महामंत्री से एक्सक्लूसिव बात की, यही नहीं कलेक्ट्रेट में दूसरे संप्रदाय द्वारा किस तरह के कागज जमा किए, उनको भी निकालकर आपके सामने लाने का खुलासा कर रहे हैं ।

और यही नहीं, गुर्जर समाज के लोगों से भी बात की , जिसमें अपनी पहचान छुपा कर, जब उन्हीं की तरह बात की, तो उन्होंने यह तक स्वीकारा कि यह जमीन तो जैन समाज को दे दी गई है । और कार्यों में वह दूसरी बात करते हैं । सब कुछ खुलासा पहली बार चैनल महालक्ष्मी एक्सक्लूसिव रूप में आज बुधवार , रात्रि 8:00 बजे अपने यूट्यूब चैनल, आप सब के लोकप्रिय , चैनल महालक्ष्मी पर एक और नया खुलासा करेगा , जिसमें पक्ष प्रतिपक्ष , दोनों के दावे का खुलासा होगा ।

कागजों का सामना होगा और आप स्पष्ट समझ पाएंगे कि हकीकत क्या है और कैसे हर जगह , शासन प्रशासन , मिलकर जैन तीर्थ कब्जे की, कोशिशों में , पर्दे के पीछे से सहयोग देता है।

जैन तीर्थ पर जैनों को निर्माण में रोक दिया जाता है , और वही दूसरे संप्रदाय को , पर्दे के पीछे से , जैसे खुली अनुमति दे दी जाती है । सब खेल राजनीतिक रोटियां को सीखने का है । वोटों की राजनीति में , एक अल्पसंख्यक समुदाय को, उसके अधिकारों का किस तरह हनन किया जाता है । गोमटगिरी भी , उसी की एक जिंदा मिसाल है ।

देखिए, आज, यूट्यूब पर, जैन समाचारों के लिए, सबसे लोकप्रिय , चैनल महालक्ष्मी पर रात्रि 8:00 बजे । link https://www.youtube.com/channel/UCaFUPEvD4sveuNRply3o0HQ एक और खुलासा, आप सभी के लिए, किस तरह , गोमटगिरी पर गिर रही गाज, प्रशासन मौन, लुट रही जैनों की लाज़।