आचार्यश्री के दर्शन कर लेना ही मात्र चारों धाम के दर्शन , हिमालय में तपस्वियों की जो तपस्या है, आभा है, ऊर्जा है, शक्ति है, वह आचार्यश्री में समाई – उमा भारती

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18 मार्च/फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा /चैनल महालक्ष्मीऔर सांध्य महालक्ष्मी/

मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती गुरुवार को जैन तीर्थ क्षेत्र पटनागंज रहली पहुंचीं। उनके साथ पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव भी थे। उन्होंने आचार्य विद्यासागर महाराज के दर्शन किए। उमा भारती ने कहा महाराज के अंदर सारा हिमालय समाया हुआ है। हिमालय में तपस्वियों की जो तपस्या है, आभा है, ऊर्जा है, शक्ति है, वह आचार्यश्री में समाई हुई हैं।

उनके दर्शन कर लेना ही मात्र चारों धाम के दर्शन करने के बराबर हैं। इस भूमंडल पर महाराज की छाया लंबे समय तक बनी रहे। वह शतायु हों, उनके सामने धर्म का अधिष्ठान बना रहे। वह स्वयं चाह लें तो शतायु हो सकते हैं। उनकी इच्छा के ऊपर सब निर्भर है। उमा ने कहा आज आचार्यश्री स्वस्थ लगे और उन्होंने मुझ पर आशीष की वर्षा की है।

आचार्य विद्यासागर महाराज ने कहा है कि अब आपको साध्वी, दीदी, मेडम में क्या होना चाहिए? तभी सभी मुनियों और लोगों ने कहा कि हमें दीदी बोलना चाहिए। इसलिए उमा भारती ने सभी से आग्रह किया कि प्रशासनिक या पुलिस के अधिकारियों सहित अन्य लोग मुझे दीदी ही कहें।

उमा ने कहा कि आचार्यश्री ने यह भी कहा कि तुम भारती हो तुम्हारे अंदर भारतीयता रहनी चाहिए। उनके द्वारा जो शब्द कहे गए हैं वह मुझे वेद वाक्य बन गए हैं।

उमा भारती ने अपने ट्वीटर हैंडल पर लिखा कि आज महाराज ने मुझे आशीर्वाद देते हुए यह निर्देश दिया कि मैं भारती हूं तो पूरे भारतीयत्व को अपने भीतर आत्मसात करके रहूं साथ ही उन्होंने निर्देश दिया कि मुझे कोई मैडम शब्द से संबोधित ना करें।
आचार्य श्री ने आदेश दिया कि साध्वी, दीदी या मां में से किसी एक संबोधन का चयन करूं तो महाराज के आसपास उपस्थित मुनि जनों ने तुरंत तय कर दिया कि मुझे सिर्फ दीदी ही कहा जाए।

आज गुरुवार है, चतुर्दशी में पूर्णिमा है यह भगवान दत्तात्रेय का दिन है जिनके ही साक्षात रूप में आचार्य श्री हैं इसलिए आज उन्हें प्रणाम करके दत्त भगवान के ऋषि मंडल को प्रणाम हो गया।
मुझे वहां उपस्थित भक्तजनों ने बताया कि पहली बार बहुत दिनों के बाद आचार्य श्री ने अपने हाथ में माइक लेकर माइक का इस्तेमाल किया वह बहुत स्वस्थ एवं प्रसन्न भी लग रहे थे उनके कमलनयन के दृष्टिपात से मुझे जीवन की नई ऊर्जा मिली।