तीर्थ क्षैत्र द्रोणगिरी तथा गोम्मटगिरी तीर्थ जैन समाज दोनो जगह भयभीत हुआ, हिंदुवादी सरकारों से गुहार व याचना ही करने तक सिमट गया

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18 मार्च/फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा /चैनल महालक्ष्मीऔर सांध्य महालक्ष्मी/
वैदिक अत्याचारों को पढ़कर हर जैनी की आत्मा रो उठेगी,कलेजा फट जाएगा,रूहें काँप उठेगी…………..!

इस सप्ताह भर में ही तीर्थ क्षैत्र द्रोणगिरी की ज़मीन पर हिन्दूओं द्वारा ज़बरिया क़ब्ज़ाकर जैनों को भयभीत किया जा रहा वहीं इन्दौर के गोम्मटगिरी तीर्थ क्षैत्र की तीर्थ की ज़मीन पर सुरक्षा दीवार को हिन्दूवादी गुर्जरों द्वारा रोककर कौहराम मचाते मारपीट की जा रही हैं और जैन समाज दोनो ही जगह भयभीत हुआ हिंदुवादी सरकारों से गुहार व याचना ही करने तक सिमट गया हैं.

भाजपा के इन राज्यों के नेता मूँछों पर ताव दिए जैन धर्म को हिन्दू धर्म की शाखा बनाने तथा जैनों को मुस्लिमों के ख़िलाफ़ भड़काने में व्यस्त हैं और हर जैन के सामाजिक, धार्मिक व सांस्कृतिक गुरूपों के आगिवन पिछले पाँच दिनों से काश्मीर फ़ाईल के नाम पर ज़हर फैलाने में जी जान से लगे हुए हैं और वहीं कुछ जैन इतिहासज्ञ,इतिहास मर्मज्ञ और पुरातत्व वेता यह कहते हैं कि आदि शंकराचार्य के आव्वहान व वौदिकों के राक्षसी खूनी कत्लेआम से श्रमण संस्कृति वादियों के हृदयविदारक रक्तपात से हज़ारों हज़ार जैन साधुओं को चीरकर उनके के ख़ून से वैदिक पण्डों व सामंतों द्वारा पैर धोने,लाखों लाख जैनश्रावकों व श्रमण बौद्धों का सरेआम कत्लेआम करने,हज़ारों दूधमुँहे बच्चों को हाथियों तले कुचलकर रोंधने तथा लाखों लिंगायतों के सर काटकर भीषण बर्बरता से राक्षसीपन की निर्दयिता से कूँएँ भरे गए,दस हज़ार से अधिक जैनों और बौद्धों व लिंगायतों के ग्रंथगारों को जलाकर राख किया गया

और लाखों जैन,बौद्ध व लिंगायत मन्दिरों को नेस्तनाबूत किया गया,उन वृतांतों से भरे लोमहर्षक अत्याचारों के खूनी कत्लेआम पर भी काश्मीर फ़ाईल की तर्ज़ पर “श्रमण रक्तपात” की फ़ाईल बनानी चाहिए तो भाजपा जैन भक्तों की टयुटर व सोशियल मीडिया पर गालियाँ शुरू हो गई,हिंदुवाद के समर्थक जैन आख़िर जैन समाज को कहाँ पटक बर्बाद करना चाहते हैं, किसी को भी समझ नही आरहा हैं और क्या हम भूल सकते हैं कि गुजरात की भाजपा सरकार के रहते गिरनार जैन तीर्थ से हिन्दू तीर्थ हो गया और अब हिंदुवादी शक्तियाँ हर हाल में पालिताणा तीर्थ को हिन्दू तीर्थ बनाने पर आमादा हैं

वहीं झारखण्ड के पूर्वमुख्यमन्त्री व वर्तमान में नेता प्रतिपक्ष व भाजपा नेता मरांड़ी ने सम्मेदशिखरज़ी को हिन्दू तीर्थ बनाने का महा अभियान छेड़ दिया हैं.वहीं उत्तराखंड में भाजपा की सरकार बनते ही बद्रीनाथ क्षैत्र में बने आदिनाथ मंदिर तीर्थ को हिन्दू शंकराचार्य के नेतृत्व में हिन्दू आतताइयों ने तहस नहस कर डाला और केसरियाजी को जैनों को सौंप देने का सुप्रीम कोर्ट की डीबी का सख़्त फ़ैसला आने पर भी वसुन्धरा की भाजपा सरकार ने ज़ैनों को कुचल केसरियाजी तीर्थ विरोधी दीवार बनकर जैनों को लेने ही नही दिया और हमारे प्राचीनतम तीर्थों में एक प्रमुखतम तीर्थ राजस्थान के कापरड़ाजी मन्दिर के अन्दर तीस प्रतिशत हिस्से पर ज़बरिया क़ब्ज़ा कर दादागिरी से उस पर हिन्दू मंदिर बना दिया और वसुन्धराज़ी ने राणकपुर तीर्थ के समीप जैनों की हज़ारों मिन्नतों व याचनाओं को ठोकरों से अपमानित करते दारू व मांस की दुकाने खोलने की अनुमति देकर अधर्मी कृत्य को अंजाम देते तीर्थ की पवित्रता
व पावनता का जनाजा निकाल दिया,

अब भी छ राज्यों में जैनों के छप्पड फाड़ बोट से बनी भाजपा सरकारों की बड़ी मेहरबानी से सैंकड़ों मंदिर परिसरों में शिव लिंगों व हिन्दू देवी देवताओं की ज़बरिया मूर्तियाँ स्थापित कर क़ब्ज़ा कर वहाँ हिन्दू मंदिर बना जैनों को भाजपा को जिताने का शानदार रिटर्न गिफ़्ट मिला हैं और जैनों को इसी तरह भविष्य में बहुत ज़्यादा खोना व भुगतना हैं और हमारे जैनों के लिए अब बस एक ही काम रह गया कि गलों में भाजपा व हिन्दूवाद की ढोलकी बांध पागल बनकर ढोलकी की एक ओर “भाजपा लाओ जिनत्व बर्बाद बनाओ”और दूसरी ओर “मुसलमानों को भगाओ और जैनों को मुसलमानों का दुश्मन बनाओ”जैसी दूसरी थाप बजाना भर हैं.बस जैनों के लिए यही धर्म व कर्म रह गया हैं.

नोट:-वैदिकों को द्वारा आठवी शताब्दी में धर्म के नाम पर वैदिकता की ग़ुलामी व रक्तपात की धमकी देकर लाखों लाख जैनों के धर्मांतरण के लिए किए पूरी दुनिया के इतिहास के सबसे बड़े धार्मिक कत्लेआम को लेकर सौ से अधिक तमिल व कन्नड़ लेखकों की किताबें और उसमें”स्वयं आदि शंकराचार्य * की लिखी पुस्तक और श्रमण वध को लेकर सबसे अधिक चर्चित व प्रामाणिक ग्रंथ *“शंकर विजय” * को पढ़े.वहीं इन दिनों *आचार्य श्रीविमलसागर जी का इसी जैनों के भीषणतम कत्लेआम पर जारी अति दरूनिक व करूणिक बिडियों के अलावा इस सदी के महान चरित्र चूड़ामणी आचार्य श्री हस्तीमलजी म.सा. का “”जैन इतिहास के चार भाग”को पढ़ लोगे तो हर जैनी की वैदिक अत्याचारों को पढ़कर आत्मा रो उठेगी,कलेजा फट जाएगा,रूहें कांप उठेगी और धमनियाँ भी भयक्रांत हो उठेगी.*

सोहन मेहता’क्रान्ति’जोधपुर,राज०, कवि,लेखक,पत्रकार,कलमकार०

ये लेखक के निजी विचार हैं, इन विचारों को केवल चिंतन के लिए चैनल चैनल महालक्ष्मी आप तक पहुँचा रहा है