दूसरे चरण के लेप में क्या हुआ बदलाव? इसके लिए हो गई फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी, क्या आया सच सामने? क्या मूल स्वरूप से हुई छेड़छाड़ या करार को तोड़ा गया

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29अप्रैल 2023/ बैसाख शुक्ल नवमी/चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/
शिरपुर जैन के श्री अंतरिक्ष पार्श्वनाथ मंदिर में भगवान पार्श्वनाथ की मूर्ति की दूसरी लेप प्रक्रिया की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी श्वेतांबर और दिगंबर जैन पंथों द्वारा संयुक्त रूप से शुक्रवार, 28 अप्रैल को की गई। इस मौके पर तहसीलदार एवं तालुका दंडाधिकारी राजेश वजीरे, शिरपुर थानेदार सुनील वानखेड़े, सहायक पुलिस निरीक्षक जगदीश बांगड़ मौजूद रहे.

भगवान पार्श्वनाथ की मूर्ति की दूसरी लेप प्रक्रिया पूरी होने के बाद दिगंबर पंथियों ने एक बयान के माध्यम से जिलाधिकारी से लेप की गई मूर्ति की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी की मांग की थी. इसलिए जिलाधिकारी ने तहसीलदार व तालुका दंडाधिकारी मालेगांव व पुलिस निरीक्षक शिरपुर जैन को आदेश दिया था. इसी के अनुसार जैन समुदाय के दोनों संप्रदायों ने शुक्रवार को मूर्ति की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी की।

इस मौके पर ब्रह्मचारी तात्यासाहेब नेजकर, संजय कानहेड, ब्रह्मचारी पंकज जैन, वीडियोग्राफर संजय पंचवाटकर, दिगंबर जैन पंथ के फोटोग्राफर प्रथमेश जितेंद्र पंचवतकर, ट्रस्टी अनीश शाह, मैनेजर बाबूराव नामदेव बोराटे, शिखरचंद बागरेचा, फोटोग्राफर सारंग वाजे, वीडियोग्राफर मनोज शिंगाडे आदि मौजूद थेश्वेतांबर जैन संप्रदाय की ओर से था

इस फोटोग्राफी में से क्या सामने किया आया?
क्या दिगंबर संप्रदाय के द्वारा किए जा रहे दावों का खुलासा हो पाया?
कौन से चित्र थे जो खींचे गए?
अब अखबारों में छपी विज्ञप्ति क्या कहती है?
दिगंबर संप्रदाय अब क्या कदम उठाने वाला है?

जांच पर श्वेतांबर भाइयों ने कहा कि लेप बहुत शांत वातावरण में किया गया।

पर दिगंबर भाइयों ने कहा कि वातावरण शांतिप्रिय रहा, पर धारा 144 को लगाकर दूसरे लेप के अंदर प्रतिमा के लिए मूल स्वरूप से छेड़छाड़ की गई और उसे बदला गया। क्या उनका यह दावा सही था?

ऐसे अनेकों सवाल सामने आए, जिनके लिए चैनल महालक्ष्मी आपको एक्सक्लूसिव, रविवार सुबह 8:00 बजे 30 अप्रैल को यानी वही दिन जब हमारे वर्तमान जिनशासन नायक श्री महावीर स्वामी जी को केवल ज्ञान की प्राप्ति हुई थी, उसी दिन आपको शिरपुर के इन फोटो के ज्ञान की जानकारी देगा।
क्या सच है? कितना सच है?

क्या वास्तव में जो अनुबंध में संतो ने वादा किया था और कहा जाता है कि जैन संत कभी भी ना झूठा वादा करते हैं, ना कभी झूठ कहते हैं। क्योंकि वह सत्य महाव्रत धारी होते हैं । तो क्या हुआ?
ऐसा सब कुछ चैनल महालक्ष्मी के रविवार 30 अप्रैल के सुबह 8:00 बजे के एपिसोड नंबर 1834 में, जरूर देखिए शिरपुर का दूसरे चरण के बाद का सच ,ताजा फोटो के साथ